केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने गर्मी के मौसम में बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु की बहु-आयामी रणनीति तैयार
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने आने वाले गर्मी के महीनों के दौरान बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति तैयार की है।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने गर्मी के मौसम में बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु की बहु-आयामी रणनीति तैयार
नई दिल्ली: केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने आने वाले गर्मी के महीनों के दौरान बिजली की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एक बहुआयामी रणनीति तैयार की है। केंद्रीय उर्जा और एनआरई मंत्री श्री आर के सिंह ने मंगलवार 07 मार्च 2023 को बिजली विभाग, कोयला मंत्रालय और रेल मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता मे एक समीक्षा बैठक की, इस बैठक में आने वाले महीनों में विशेष रूप से अप्रैल 23 और मई 23 के दौरान उच्च बिजली की मांग को पूरा करने के लिए विभिन्न पहलुओं पर विस्तृत में चर्चा की गई।
केंद्रीय उर्जा और एनआरई मंत्री श्री आर के सिंह की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में श्री आलोक कुमार, सचिव, विद्युत मंत्रालय, श्री घनश्याम प्रसाद, अध्यक्ष, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण, श्री एस.आर. नरसिम्हन, सीएमडी, ग्रिड नियंत्रक, श्रीमती जया वर्मा सिन्हा, सदस्य, रेलवे बोर्ड, संजीव कुमार कासी, संयुक्त सचिव, कोयला मंत्रालय, श्री रमेश बाबू, निर्देशक संचालन, एनटीपीसी के साथ बिजली विभाग, कोयला मंत्रालय और रेल मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने बैठक में भाग लिया।
रणनीति के आधार पर बिजली उपयोगिताओ को दिशा निर्देश दिए गए हैं कि वे कोयला आधारित बिजली संयंत्रों का अग्रिम रूप से ही रखरखाव कर ले ताकि संकट की अवधि के दौरान किसी भी नियोजित रखरखाव की आवश्यकता ना पड़े। सभी आयातित कोयला आधारित संयंत्रों को 16 मार्च 2023 से पूरी क्षमता से चलाने के लिए धारा-11 के तहत दिशा-निर्देश पहले ही जारी किए जा चुके हैं। कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में कोयले का पर्याप्त स्टॉक भी उपलब्ध कराया जाएगा। कोयले परिवहन हेतु पर्याप्त रेक की उपलब्धता भी करवाई जाएगी जिससे सभी जगह पर्याप्त कोयला पहुंच पाए इसका आश्वासन बैठक के दौरान, सदस्य रेलवे बोर्ड ने दिया।
रेल मंत्रालय सीआईएल, जीएसएस और कैप्टिव ब्लॉकों की विभिन्न सहायक कंपनिया 418 रेक प्रदान करने और नियत समय में रेक की संख्या बढ़ाने पर सहमत हुई है ताकि बिजली संयंत्रों में पर्याप्त कोयले का स्टॉक बनाए रखा जा सके।
बिजली की बढ़ती मांग को को पूरा करने के लिए गैस आधारित बिजली का उपयोग किया जाएगा। मंत्रालय ने एनटीपीसी को अप्रैल-मई में संकट की अवधि के दौरान अपने 5000 मेगावाट गैस आधारित बिजली स्टेशनों को चलाने का निर्देश दिया है। और गर्मी के महीनों के दौरान उपलब्धता के लिए अन्य संस्थाओं द्वारा 4000 मेगावाट अतिरिक्त गैस आधारित बिजली क्षमता भी जोड़ी जाएगी। गेल ने गर्मी के महीनों के दौरान गैस की आवश्यक आपूर्ति के लिए विद्युत मंत्रालय को पहले ही आश्वासन दिया है। सभी जलविद्युत संयंत्रों को निर्देश दिया गया है कि वे आरएलडीसी/एसएलडीसी (क्षेत्रीय/राज्य लोड डिस्पैच सेंटर) के परामर्श से काम करें ताकि अगले महीने के दौरान बेहतर उपलब्धता के लिए मौजूदा महीने में पानी का इष्टतम उपयोग किया जा सके। नए कोयला आधारित संयंत्रों के माध्यम से 2920 मेगावाट की अतिरिक्त क्षमता उपलब्ध होगी जो इस महीने के अंत तक चालू हो जाएगी। और मंत्रालय के निर्देश के बाद, बरौनी की दो इकाइयां (2X110मेगावाट) भी संकट की अवधि के समय उपलब्ध रहेगी ।
बैठक के दौरान, केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने बिजली कंपनियों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि गर्मी के महीनों में लोड-शेडिंग न हो। श्री सिंह ने सभी हितधारकों से स्थिति पर बारीकी से निगरानी रखने और आने वाले महीनों के दौरान बिजली की मांग को पूरा करने हेतु सक्रिय कार्रवाई करने को कहा। मंत्री ने सीईए को यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि विभिन्न राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को कोयले के आवंटन के लिए एक निष्पक्ष और पारदर्शी तंत्र तैयार किया जाए।
सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के अनुमान के मुताबिक बिजली की अधिकतम मांग अप्रैल-23 के महीनों के दौरान 229GW रहने की उम्मीद है, अप्रैल के समय देश में बिजली की मांग सबसे ज्यादा रहती है। इसके बाद मांग कम हो जाती है क्योंकि मानसून का मौसम देश के दक्षिणी भाग से शुरू हो जाता है और अगले 3-4 महीनों में पूरे देश को कवर कर लेता है। सकल घरेलू उत्पाद के करीब 7% की दर से बढ़ने के साथ, देश में बिजली की मांग प्रति वर्ष 10% के करीब बढ़ रही है।
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